UP Contract Employee Salary Hike News: उत्तर प्रदेश राज्य के तकरीबन 9.5 लाख आउटसोर्स कर्मचारी ऐसे हैं जो अलग-अलग कार्यालय में और अलग-अलग विभागों में काम कर रहे हैं और अपनी सैलरी बढ़ाना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें हाल ही में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव से आउटसोर्स कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल मिला था जिसमें कर्मचारियों के वेतन के साथ-साथ कई अन्य चीजों पर बात हुई और वेतन बढ़ाने की मांगों को पूरा करने का विशेष सचिव द्वारा आश्वासन भी दिया गया था। बता दे 16 जून को लखनऊ में संगठन के अधिकारी आमंत्रित किए गए थे जिस दौरान आउटसोर्स कर्मियों की सैलरी को ₹20000 तक बढ़ाने की मांग की गई थी परंतु शासन की तरफ से 20000 की जगह 16000 रुपए वेतन देने की बात कही गई परंतु दोनों पक्षों की तरफ से इसपे मंजूरी नहीं थी तो सहमति के बाद 18000 रुपए हर महीने वेतन दिए जाने की उम्मीद है।
₹8,000 मिलेगा आउटसोर्स संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन
लाखों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है उसके मुताबिक आउटसोर्स कर्मचारी को 18000 रुपए देने की बात की गई है रिपोर्ट के मुताबिक सभी संविदा आउटसोर्स कर्मचारी को न्यूनतम वेतन 18000 रुपए दिया जाएगा ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके और वित्तीय सहायता मिल सके और उत्तर प्रदेश के आउटडोर सेवा निगम के मसौदे में 18000 रुपए न्यूनतम वेतन को शामिल कर दिया गया है।
राज्य के लाखों कर्मचारियों को राहत
राज्य में अलग-अलग विभागों में अलग-अलग पदों पर आउटसोर्स कर्मचारी तैनात है और उनके मानदेय वृद्धि होने से उन सभी को बड़ी राहत देखने को मिली है क्योंकि वर्तमान तक इन कर्मचारियों को ₹10000 से भी कम वेतन प्रदान किया जाता था परंतु अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा इनका वेतन बढ़कर 18000 रुपए कर दिया गया है। और इस बड़े हुए वेतन को 1 जुलाई 2025 से लागू किए जाने की संभावना है क्योंकि सभी विभागों को कार्यालय और बॉडी निगमन को सीधे निर्देश दे दिए गए हैं और अब वेतन समय पर प्राप्त होगा 5 तारीख तक आपके खातों में वेतन आ जाएगा।
समान कार्य के लिए समान वेतन नीति को मिला बल
उत्तर प्रदेश के द्वारा लिया गया यह ब्रांड बड़ा निर्णय आउटसोर्स कर्मचारी के काम की गुणवत्ता को बढ़ाएगा और साथ में उनके उत्साह को भी बढ़ाएगा जिससे कर्मचारियों के साथ-साथ विभाग के काम करने की गुणवत्ता भी बढ़ेगी क्योंकि किसी भी संविदा कर्मचारियों को 18000 से कम वेतन नहीं दिया जाएगा और अगर ऐसा किया जाता है और किसी को 18000 से कम वेतन दिया जाता है तो उन विभागों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाई की जाएगी। और इस निर्धारित वेतन को संविदा कर्मचारियों के खातों में 5 तारीख तक डाल दिया जाएगा और अब वेतन में किसी भी प्रकार की देरी देखने को नहीं मिलेगी और विभाग द्वारा निगरानी और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया अपनी जाएगी जिससे सरकार का आदेश हो रहा है यह सुनिश्चित हो सके।