UP 69000 Teacher Big News Today: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में 69000 शिक्षक मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज 21 जुलाई 2025 को अहम सुनवाई होगी और जिसके चलते शिक्षक मामले पर आज बड़ा निर्णय देखने को मिल सकता है बता दें 59000 शिक्षक मामले में विज्ञापन में आरक्षण नियमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अंदर इस मामले पर काफी लंबे समय से प्रक्रिया चल रही है परंतु इसकी सुनवाई अभी तक नहीं हो पाई है और काफी समय यूं ही गुजर गया है लेकिन आज 21 जुलाई 2025 को बहुत लंबे समय बाद सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होने जा रही है इस सुनवाई में बड़ा फैसला देखने को मिल सकता है परिषदीय विद्यालयों में इस मामले में प्रदेश भर के हजारों उम्मीदवारों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ईमेल और रजिस्टर डाक के जरिए सनी सुनिश्चित करने की गुहार लगी है। तो चलिए जानते हैं 69000 शिक्षक मामले में अभी तक की विस्तृत जानकारी।
आरक्षण के मामले में दर्ज हुई याचिका
69000 मामले में उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें अन्य पिछड़े वर्ग के लिए केवल 3.86% आरक्षण दिया गया है जबकि निर्धारित आरक्षण 27% था और केवल 16.02 प्रतिशत आरक्षण ही मिला है जो बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 के अधीन है बता दें यह मामला पिछले 5 सालों से चल रहा है जिसकी शुरुआत 2020 से हुई थी और 11 महीना से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले का इंतजार याचिका कर्ताओं के द्वारा किया जा रहा है क्योंकि सरकार के द्वारा इस मामले में पहल की गई जिस वजह से अभी तक इसकी सुनवाई नहीं हुई और तब से इस मामले को लगातार लंबित किया जा रहा है।
हजारों शिक्षकों की नौकरी पर मंडराया खतरा
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा आरक्षण में गलत भीम को अपनाने का आरोप लगाया जा रहा है और इसका 2018 से ही विरोध किया जा रहा है बता दें 69000 शिक्षक विज्ञापन मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा याचिका रखी गई है क्योंकि इस कारण उन्हें नौकरी से वंचित होना पड़ा है लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच द्वारा 13 अगस्त 2024 को आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए उनके हित में एक बड़ा फैसला लिया गया था परंतु सरकार द्वारा इस प्रकरण पर समाधान नहीं निकला है जबकि हाई कोर्ट ने आदेश दिया था की पुरानी सूची को रद्द करके एक नई सूची का निर्माण किया जाए जिसमें आरक्षण की सभी नियमों का पालन हो।
कब कौन से आए इस मामले में मोड उसकी पूरी चर्चा
5 दिसंबर 2018 को सरकार द्वारा 69000 शिक्षक विज्ञापन जारी हुआ था और इस विज्ञापन के अंदर पूरे 4.31 लाख का अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 6 जनवरी 2019 को शिक्षक परीक्षा का आयोजन हुआ जिसमें तकरीबन 4 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे वहीं 12 मई 2020 को इस शिक्षक परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया था और रिजल्ट में 1.47 लाख अभ्यर्थी पास हुए और कट ऑफ की बात करें तो सामान्य वर्ग के लिए यह है 67.11 प्रतिशत रखी गई थी और ओबीसी के लिए कट ऑफ 66.73 प्रतिशत निर्धारित की गई थी परंतु 2020 में उम्मीदवारों के द्वारा आरोप लगाया गया कि आरक्षण के नियमों का पालन नहीं हुआ है और उम्मीदवारों ने हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में यह याचिका दर्ज की थी जिसमें 13 मार्च 2023 को सिंगल बहन जी ने पुनर्विचार करते हुए आदेश दिए के नियमों का पालन किया जाए और परीक्षा में आरक्षण का लाभ लेने वाले उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी के कट के बराबर यह उससे ज्यादा नंबर आने पर अनारक्षित वर्ग में रखा जाए परंतु इस पूरे फैसले को 13 अगस्त 2024 को हाई कोर्ट की डबल बेंच द्वारा पूरी तरह से रद्द कर दिया गया और नए सिरे से मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया परंतु इस निर्णय के आने से पहले ही शिक्षकों की तैनाती पूरी हो चुकी थी और उसे दिन के बाद आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर बड़ा फैसला लेने जा रही है।