इस नई सरकारी स्कीम में बुजुर्ग जोड़ों को मिलेंगे पूरे ₹51,250 रुपए Regular Income Scheme For Old Couples

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Regular Income Scheme For Old Couples: पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम रिटायर हो चुके लोगों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर आय का भरोसेमंद विकल्प मानी जाती है। इस स्कीम में पति-पत्नी संयुक्त रूप से निवेश करके हर तीन महीने में एक तय राशि प्राप्त कर सकते हैं। मौजूदा ब्याज दर के अनुसार, अधिकतम निवेश सीमा तक रकम लगाने पर तिमाही में ₹51,250 तक की आय संभव है। भारत सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण इसमें पूंजी की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित होती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।

पात्रता और निवेश सीमा

इस योजना में केवल 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग निवेश कर सकते हैं। पति-पत्नी संयुक्त रूप से खाता खोल सकते हैं, जिसकी अधिकतम निवेश सीमा ₹30 लाख है, जबकि न्यूनतम निवेश ₹1,000 से शुरू होता है। योजना की अवधि 5 वर्ष है, जिसे 3 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। जरूरत के अनुसार खाता सिंगल से जॉइंट या जॉइंट से सिंगल में बदला जा सकता है। ब्याज दर समय-समय पर सरकार द्वारा बदली जा सकती है, जिससे आय में उतार-चढ़ाव संभव है।

निवेश पर मिलने वाला लाभ

वर्तमान में इस योजना पर 8.2% वार्षिक ब्याज दिया जा रहा है, जो तिमाही आधार पर सीधे खाते में जमा होता है। अधिकतम सीमा तक निवेश करने वाले दंपत्ति को एक तिमाही में लगभग ₹61,500 का ब्याज बनता है, जिसमें टैक्स और समायोजन के बाद करीब ₹51,250 खाते में पहुंचते हैं। यह रकम घरेलू खर्च, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। समय पर ब्याज मिलने की सुविधा इसे वरिष्ठ नागरिकों के बीच खासा लोकप्रिय बनाती है।

खाता खोलने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
निवेश के लिए नजदीकी पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंक शाखा में आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो के साथ फॉर्म भरना आवश्यक है। राशि नकद या चेक के माध्यम से जमा की जा सकती है। खाता खुलते ही निर्धारित तारीख से ब्याज की गणना शुरू हो जाती है। संयुक्त खाते के मामले में दोनों व्यक्तियों की आयु और पहचान से जुड़े दस्तावेज जरूरी हैं। पूरी प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है।

टैक्स लाभ और सावधानियां

इस योजना में निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट मिलती है। हालांकि, यदि वार्षिक ब्याज ₹50,000 से अधिक हो, तो टीडीएस काटा जा सकता है। निवेशक फॉर्म भरकर भरकर टीडीएस से बच सकते हैं। समय पर केवाईसी अपडेट करना और ब्याज की राशि निकालना जरूरी है। एक वर्ष के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है, लेकिन उस पर पेनल्टी लग सकती है। चूंकि यह योजना केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, अन्य आयु वर्ग इसमें निवेश नहीं कर सकते।

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